-आधुनिक विकास के नाम पश्चिमी मशीनीकरन स्वचालित अँधानुकरण से सृजन नहीं गैस उत्सर्जन होता हैयही नहीं आडम्बर में प्रयुक्त लकड़ी हेतु वृक्ष काट कर प्रकृति का विसर्जन होता हैसृष्टी में स्वस्थ जीवन को चाहिए शुद्ध जल और शुद्ध वायु. जलवायु/पर्यावरण के संरक्षण हेतु जुटें तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358.

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: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :
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Thursday, July 7, 2016

विकास एवं पर्यावरण साथ साथ चलते हैं: अनिल माधव दवे

विकास एवं पर्यावरण साथ साथ चलते हैं: अनिल माधव दवे 

विकास एवं पर्यावरण साथ साथ चलते हैं: अनिल माधव दवेप्रकाश जावड़ेकर से प्रभार संभालने वाले नवनियुक्त पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने आज कहा कि विकास और पर्यावरण एक दूसरे के विरूद्ध नहीं हैं। जावड़ेकर के कार्यकाल में पर्यावरणवादी कार्यकर्ताओं ने हरित नियमों को शिथिल बनाने की आशंका प्रकट की थी। अब मानव संसाधन विकास मंत्री बने जावड़ेकर की उपस्थिति में दवे ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती द्वारा हाथ में ली गयी सभी परियोजनाएं जारी रहेंगी किन्तु उन्हें विभाग के कामकाज को समझने में एक सप्ताह लगेगा। जब उनसे पूछा गया कि वह पर्यावरण एवं विकास के बीच कैसे संतुलन स्थापित करेंगे, उन्होंने कहा, ‘‘विकास एवं पर्यावरण साथ साथ चलते हैं। वे एक दूसरे के विरूद्ध नहीं हैं। हमें इस मुद्दे को इस प्रकार देखने की जरूरत है।’’ 
गंगा के ऊपरी प्रवाह में पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण को लेकर पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्रालयों के बीच ठने रहने के बीच दवे ने कहा, ‘‘हर नदी को बहना चाहिए।’’ अपने जन्मदिन पर मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले दवे ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर अंकुश पाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा अपनायी गयी सम-विषम योजना पर कहा, ‘‘प्रयोगों से सीखने की जरूरत है लेकिन राजनीति एवं प्रयोग को अलग अलग रखा जाना चाहिए।’’ 
जब दवे से पूछा गया कि चूंकि उन्होंने नर्मदा संरक्षण पर काम किया है, ऐसे में नदियों की साफ सफाई एवं उनके पुनरूद्धार के लिए उनकी कोई विशेष योजनाएं हैं, उन्होंने कहा कि वह पहले शगल के रूप में काम कर रहे थे, अब वह वही काम संविधान के ढांचे में करने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में मंगलवार को एक बड़े विस्तार के तहत दवे को पर्यावरण मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल किया गया है। हरित कार्यकर्ताओं द्वारा पर्यावरण मंत्रालय की आलोचना पर दवे ने कहा कि सराहना और आलोचना जारी रहेगी क्योंकि सहस्त्रों वर्षों से ऐसा होता रहा है। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस ने इस सूचना के बाद आंदोलन करने की धमकी दी कि पर्यावरण मंत्रालय जनजातियों के वन अधिकारों को शिथिल बना रहा है, दवे ने कहा कि ऐसी नीतियां एक के बाद एक कर आयी सरकारों द्वारा शुरू की गयी निरंतर प्रक्रिया का भाग हैं। सरकार में परिवर्तन के विषय पर उन्होंने कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है। 
आधुनिक विकास के नाम पश्चिमी स्वचालित मशीनीकरण अँधानुकरण से सृजन नहीं,
गैस उत्सर्जन प्रदूषण होता है! लाखों पशुओं के वध का अवशेष भी तो प्रदूषणकारी होता है,
आइये सब मिलकर पर्यावरण के संरक्षण हेतु जुटें-तिलक