-आधुनिक विकास के नाम पश्चिमी मशीनीकरन स्वचालित अँधानुकरण से सृजन नहीं गैस उत्सर्जन होता हैयही नहीं आडम्बर में प्रयुक्त लकड़ी हेतु वृक्ष काट कर प्रकृति का विसर्जन होता हैसृष्टी में स्वस्थ जीवन को चाहिए शुद्ध जल और शुद्ध वायु. जलवायु/पर्यावरण के संरक्षण हेतु जुटें तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358.

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: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Thursday, June 5, 2014

पर्यावरण बचाने के लिए करें पहल

पर्यावरण बचाने के लिए खुद भी करें पहल
हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। मगर पर्यावरण को हम कितना सुरक्षित रख पा रहे हैं? यह आए दिन मौसम में बदलाव, नदियों में कचरे की अधिकता, सड़कों पर फैलता ध्वनि और वायु प्रदूषण बड़ी समस्या के रूप में सामने है। बढ़ती आबादी के लिए घरों के निर्माण से हरियाली सिमट रही है। ये इस बात का संकेत हैं कि पर्यावरण पर संकट के बादल छा चुके है। वह दिन दूर नहीं जब हमारे आस-पास सिर्फ मशीनी दुनिया होगी। पानी, हवा हर चीज में जहर घुल चुका होगा। धरती विनाश की तरफ अग्रसर हो जाएगी।
पर्यावरण को बचाने में हमारा योगदान बहुत जरूरी है। पेड़-पौधे से लेकर वन्य-प्राणी का जीवन इसी पर्यावरण पर टिका है। दिन-ब-दिन कटते जंगल हमारे वन्य जीवों का आवास छीन रहे हैं। नतीजा इन जानवरों ने शहरों का रूख करना शुरू कर दिया है। शहर आकर ये उत्पाद मचाते हैं जिसका बड़ा कारण है जंगलों का लगातार काटा जाना। मनुष्य विकास के नाम पर पर्यावरण को दिन-रात नुकसान पहुंचा रहा है। कहते हैं कि अगर एक पेड़ काटो तो साथ में दस पौधे लगाओ भी।
आए दिन बढ़ते मोबाइल टॉवर और एसी से पक्षियों के जीवन पर असर पड़ रहा है। मगर कुछ सरल उपाय कर पर्यावरण को बचाने में आपका सहयोग महत्वपूर्ण हो सकता है। आम बल्ब की जगह सीएफएल को अपने घर में जगह दें। अब तो बाजार में एलईडी बल्ब भी आ चुके हैं यह थोड़ी महंगे जरूर हैं पर पर्यावरण को बचाने में कारगर हैं। साथ में ये बल्ब ऊर्जा भी बचाते हैं।
बिजली बचाकर भी हम पर्यावरण के लिए योगदान दे सकते हैं जैसे वाशिंग मशीन की जगह हाथ से कपड़े धोना, रात को कम्प्यूटर स्लीप मोड पर रखने की बजाय उसे पूरी तरह स्विच ऑफ कर देना। जब भी ओवन में खाना बनाएं उसे प्री-हीट न करें बल्कि उसी वक्त ऑन करें ताकि ज्यादा बिजली की बर्बादी न हो। खाना बनाते वक्त बार-बार ओवन को खोल कर देखने से अतिरिक्त बिजली खर्च होती है। इसलिए टाइमर सेट करें या बाहर से देखें। ऐसा करने से काफी बिजली की बचत होगी।
कई चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें हम व्यर्थ मानकर फेंक देते हैं। जबकि उनका रिसाइकिल हो सकता हैं। कांच की चीजें पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं क्योंकि इन्हें नष्ट होने में लाखों साल लग जाते हैं। कांच की चीजों को रिसाइकिल कर उपयोग में लाकर पर्यावरण का हित किया जा सकता है। कांच की चीजों को रिसाइकिल कर दूसरी चीजें बनाने में कम एनर्जी लगती है।
अक्सर हम कागज के पन्ने का थोड़ा सा इस्तेमाल कर उसे फेंक देते हैं। क्या आप जानते हैं कि दुनिया का एक दिन का अखबार लाखों पेड़ों के बलिदान का नतीजा होता है। इन्हें रिसाइकिल कर इस्तेमाल करने से लाखों पेड़ कटने से बच सकते हैं। कागज का अच्छी तरह इस्तेमाल करें। कागज का दुरूपयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक है। पुराने कागज और गत्ते का रचनात्मक ढंग से उपयोग भी किया जा सकता है।
मोबाइल फोन की नई तकनीक आते ही लोग पुराने मोबाइल फोन को छोड़ देते हैं। क्या आप जानते हैं ऐसा करने से हर साल कई लाख फोन बेकार हो जाते हैं। मोबाइल को लैंडफिल में डाल दिया जाता है जिस कारण उसकी बैटरी से निकलने वाला प्रदूषण हमारे पर्यावरण के लिए सुरक्षित नहीं है। हमेशा जब भी पुराना मोबाइल फोन हटाएं उसे रिसाइकिल के लिए दे दें।
पानी का प्रयोग करते समय भी ध्यान रखने की जरूरत है। नहाने के लिए शॉवर की जगह बाल्टी का इस्तेमाल करें। गाड़ी धोने के लिए कम पानी में सफाई करने वालों को ही लगाएं। ब्रश या शेविंग करते वक्त नल खुला न छोड़ें। गर्मी में अक्सर लोग बाहर से बोतलबंद पानी खरीदते हैं। इस्तेमाल के बाद इसे फेंक दिया जाता है। पर्यावरण के हिसाब से इसे नष्ट होने में हजारों साल लग जाते हैं। इसलिए जब भी बाहर निकलें, पानी का थर्मस लेकर निकलें।
कागज का कम से कम इस्तेमाल हो, इसका विकल्प मौजूद है। आनलाइन टिकट, सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना, बिल का भुगतान आनलाइन करना वगैरह। इससे कई लाख पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता है। सबसे बड़ी चीज यह है कि ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं ताकि पर्यावरण सुरक्षित रह सके। प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल न करें। इसकी जगह जूट या कपड़े का बैग चुनें। पर्यावरण की रक्षा करें और सुरक्षित रहें।
आधुनिक विकास के नाम पश्चिमी मशीनीकरण, स्वचालित अँधानुकरण से; सृजन नहीं गैस उत्सर्जन होता है | पर्यावरण के संरक्षण हेतु जुटें; -तिलक

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